Friday, June 6, 2025

 19 मार्च , 2025 

राम राम मेरे सभी दोस्तों को ,

आज इन्टरनेट का जमाना है बच्चा बच्चा जानता है इन्टनेट चलाना ऑनलाइन पेमेंट कैसे करते है ऑनलाइन शोपींग कैसे करते है हर एक  बच्चा इसके बारे में जानता है और इन्टरनेट पर इसको इतना आसान बना दिया गया की हर कोई बहुत आसानी से इसका उपयोग कर सकता है आज सभी लोग घर पर पैसा न रखकर बैंक में जमा करवाते है और कोई भी पेमेंट करनी है या बिल भरना है तो ऑनलाइन पेमेंट कर देते है वेसा देखा जाये तो ये हमारे लिए बहुत अच्छी सुविधा है घर बैठे ही हम सभी भुगतान कर सकते है 

            आपको बता दू की इन्टरनेट का प्रयोग यदि हम सुरक्षित तरीके से नही करेगे तो हमारे साथ बहुत बड़ा स्कैम हो सकता है धोखाधड़ी हो सकती है बहुत से ठग बैठे है इस इन्टरनेट के ज़माने में जो युवाओ को नोकरी का झासा देकर उनको आमिर होने का सपना दिखा कर उनसे पैसे ठग लिए जाते है अब तो केवल युवा ही नही समजदार भी इनकी चपेट में आ जाते है 

             

           

Tuesday, February 4, 2025

NEW PHONE GIFTED BY MY BRO 2 FEB 2025

 2 FEBRUARY, 2025

आज 2 फरवरी है और छोटा भाई अपनी शादी के लिए घर आया और हम उसे दिल्ली लेने गए ड्यूटी से ही बोल रहा था की भाई आप के लिए एक सरप्राइज है मुझे नहीं पता था की वो क्या सरप्राइज था आपको बता दू की मेरा फ़ोन जिसे मेने 2018 में खरीदा था उस समय मेने स्कूल में पढ़ाना सुरु किया था फ़ोन था हॉनर 9  लाइट इस फ़ोन ने मेरा बहुत साथ दिया अगर इस फ़ोन को 10 में से नंबर देने को कहो गए तो में  इसको 10 में से 9  दुगा इस फ़ोन ने मेरा करीब 7 साल साथ दिया लेकिन 23 नवंबर 2024 को इस फ़ोन का अंत आ गया और मैं बिना फ़ोन के हो गया मेने बिना फ़ोन के तीन महीने निकाले  पहले तो फ़ोन के बिना एक दिन भी नहीं निकला परन्तु बाद में मुझे इसके  बिना रहने की आदत हो गयी और मुझे आजादी  महसूस सी होने लगी फिर तीन महीने बाद २ फरवरी को जो भाई ने सरप्राइज दिया उसे पाकर मुझे बहुत खुसी हुई और वो सरप्राइज था मेरे लिए एक फ़ोन आप सभी कमेंट करो कोनसा फ़ोन गिफ्ट दिया होगा  इसके लिए छोटे भाई को दिल से धन्यवाद तू हमेसा अपनी लाइफ में तरक्की करे हमेसा खुस रहे 


Monday, December 30, 2024

30 DECEMBER, 2024

    आज 30 दिसंबर वर्ष का सेकंड लास्ट दिन है। परसो से नया वर्ष सुरु हो रहा है। आप को बता दू की मैं एक अध्यापक हूँ। मजे से अध्यापन का कार्य कर रहा था। परन्तु आज पता नहीं क्या मन में आया और स्कूल संचालक को दिसंबर 2024 का परिणाम की कॉपी देकर अगले दिन से स्कूल न आने की बात रख दी।  इस पर हम दोनों की सहमति भी हो गयी  सर बोले ठीक है।  वर्ष की विदाई अच्छे से हुई न शुरुआत अच्छे से हुई।  पूरा साल ही परेशानियों का सामना करता रहना पड़ा।  साल के अंत में ही सारा दुखो का पहाड़ एक साथ टूट पड़ा।  सारे  रस्ते बंद होते हुए नजर आते है।  मम्मी की तबियत ख़राब होना।  मेरी नौकरी बदलने या उसे छोड़ने का फैसला सब कुछ एक साथ ही हो गया।  अब आगे देखना ये है की लाइफ किस तरफ रुख लेती है।  क्या मेरे फैसले सही साबित होंगे या फिर मुझे पच्यताप करना पड़े गा ।  अब देखे गए की नया वर्ष 2025 मेरी लाइफ में क्या ले कर आता है।  

इसी प्रकार अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हुआ हो तो जरूर शेयर करे।  आपने उसे कैसे हैंडल किया ये भी बताये। 

धन्यवाद दोस्तों।  

Thursday, June 8, 2023

Today English word Meaning

 

Hello Friends,

Today Important Word for news reading 

1.Derailment - पटरी से उतारना

2. Devastatingभयानक , दिल दहलानेवाला

3. Tormentयातना , कष्ट

4. Hike - बढ़ोतरी

5. Inflation - मुद्रास्फीति

6. Impetus - प्रेरणा , प्रोत्साहन



Sunday, February 26, 2023

KVS RECRUITMENT 2022 NON - TEACHING STAFF ADMIT CARD

 HELLO FRIENDS,

                              KVS RECRUITMENT 2022 के अंदर भरे गए नॉन टीचिंग स्टाफ के  एडमिट कार्ड आ चुके है जिस  किसी ने भी फॉर्म भरे थे वो अपने एडमिट कार्ड नीचे दिए हुए लिंक से डाउनलोड कर ले

 

 परीक्षा तिथि - 20 से 26 मार्च 2022 तक 

SELECTION PROCESS - THREE STAGES FOR KVS EXAM 

  1. COMPUTER BASED EXAM 
  2. SKILL EXAM 
  3. DOCUMENTATION
LINK FOR ADMIT CARD DOWNLOAD FOR KVS NON TEACHING EXAM 2023

ADMIT CARD FOR KVS NON TEACHING STAFF DOWNLOAD


CLICK ON  BLUE LINE YOU CAN DOWNLOAD DIRECT YOUR ADMIT CARD 

THANS FRIEND 

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Sunday, June 13, 2021

Maharana Partap, महाराणा प्रताप ,महाराणा प्रताप निबंध या पैराग्राफ,महाराणा प्रताप के रोचक तथ्य


                                     महाराणा प्रताप जयंती  13 जून को मनाई जाती है 

हमारे भारत देश की भूमि पर बहुत से वीर और महान योद्धा हुए जिन्होंने अपनी मिट्टी के लिए अपने प्राण तक न्योछावर कर दिए पर अपना सर दुसरो के सामने कभी नहीं झुकाया और न ही उनकी अधीनता स्वीकार की।
ऐसे ही महान योद्धा थे महाराणा प्रताप, जी हा दोस्तों महाराणा प्रताप तो आज बात करेंगे महाराणा प्रताप के बारे
 में ।

महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ईस्वी को राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था।उनके पिता महाराजा उदयसिंह और माता राणी जीवत कंवर थीं। वे राणा सांगा के पौत्र थे। महाराणा प्रताप को बचपन में सभी 'कीका' नाम लेकर पुकारा करते थे। महाराणा प्रताप की जयंती विक्रमी संवत कैलेंडर के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है।

राणा उदय सिंह की दूसरी पत्नी का नाम धीराबाई था, जिन्हें रानी भटियाणी के नाम से भी जाना जाता था तथा इनके पुत्र का नाम कुंवर जगमाल था। रानी धीराबाई अपने पुत्र कुंवर जगमाल को मेवाड़ का उत्तराधिकारी बनाना चाहती थी। लेकिन महाराणा प्रताप के उत्तराधिकारी हो जाने पर उनके विरोध में आ गए थे और जगमाल अकबर से जाकर मिल गया था।

महाराणा प्रताप ने 11 शादियां की थी उनकी पत्नियों और पुत्र पुत्रियों के नाम-:

महारानी अजब्दे पवार- अमर सिंह और भगवान दास
अमर बाई राठौर- नत्था
शहमति बाई हाडा- पुरा
आलम दे बाई चौहान- जसवंत सिंह
रत्नावती बाई परमार- माल, गज
लखाबाई- राय भाना
जसो बाई चौहान- कल्याण दास
चंपा बाई जन्थी- कल्ला सनवाल दास और दुर्जन सिंह
सोलंखिनी पुर बाई- सासा और गोपाल
फूल बाई राठौर- चंदा और शिखा
खिचर आशाबाई- हत्थी और राम सिंह

महाराणा प्रताप ने भगवान एकलिंग की सौगंध खाकर प्रतिज्ञा ली थी कि जिंदगी भर उनके मुख से अकबर के लिए सिर्फ तर्क ही निकलेगा। और वह कभी अकबर को अपना राजा नहीं स्वीकार करेंगे।

महाराणा प्रताप का सबसे प्रिय घोड़ा चेतक था। जो महाराणा प्रताप की तरह काफी बहादुर था। युद्ध के दौरान जब मुगल सेना उनके पीछे थी तब चेतक ने महाराणा प्रताप को अपने पीठ पर बिठाकर कई फीट लंबे नाले को पार किया था। परंतु अंत में गंभीर रूप से घायल होने के कारण चेतक मारा गया था। चित्तौड़ में आज भी चेतक की समाधि बनी हुई है।

महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक गोगुंदा में हुआ था। महाराणा प्रताप के पिता उदय सिंह अकबर के डर के कारण मेवाड़ त्याग कर अरावली पर्वत पर डेरा डाल लिया था। और उदयपुर को नई राजधानी बनाया एवं मेवाड़ भी उन्हीं के अधीन था। महाराणा उदय सिंह ने अपने छोटे बेटे जगमाल को मेवाड़ का उत्तराधिकारी बना दिया जिसकी वजह से मेवाड़ की जनता उनके विरोध में आ गई क्योंकि प्रजा तो महाराणा प्रताप सिंह को पसंद करती थी।

जगमाल ने राज्य का शासन हाथ में लेते ही घमंड के कारण प्रजा पर अत्याचार करना शुरू कर दिया। यह सब देखकर महाराणा प्रताप जगमाल को समझाने का प्रयास किया कि अत्याचार करके प्रजा को परेशान मत करो। इस राज्य का भविष्य खतरे में पड़ सकता है।

परंतु जगमाल को यह बात अपनी शान के खिलाफ लगा इसी कारण जगमाल ने महाराणा प्रताप सिंह को राज्य की सीमा से बाहर चले जाने का आदेश दे दिया। महाराणा प्रताप अपने घोड़े चेतक के साथ वहां से चले गए।

राजसमंद के हल्दी घाटी गांव में चेतक की समाधि बनी हुई है, जहाँ स्वयं प्रताप और उनके भाई शक्तिसिंह ने अपने हाथों से इस अश्व का दाह-संस्कार किया था। चेतक की स्वामिभक्ति पर बने कुछ लोकगीत मेवाड़ में आज भी गाये जाते हैं।




मुगल सम्राट अकबर बिना युद्ध के ही महाराणा प्रताप को अपने अधीन करना चाहता था। इसीलिए अकबर ने महाराणा प्रताप को समझाने के लिए राजपूतों को उनके पास भेजा लेकिन महाराणा प्रताप ने अकबर के प्रस्ताव को इनकार कर दिया। जिसका परिणाम स्वरूप हल्दीघाटी के ऐतिहासिक युद्ध को देखने को मिला।

हल्दीघाटी का युद्ध अकबर और महाराणा प्रताप के बीच 18 जून सन् 1576 को हुआ था। यह युद्ध महाभारत के युद्ध की तरह भयानक और विनाशकारी था। इस युद्ध में न तो अकबर जीत सका और ना ही महाराणा प्रताप। क्योंकि मुगलों के पास सैन्य शक्ति अधिक थी और महाराणा प्रताप के पास जुझारू शक्ति की कमी नहीं थी।

हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप के पास सिर्फ 20000 सैनिक थे। और अकबर के पास पचासी हजार सैनिक थे। फिर भी महाराणा प्रताप ने हार नहीं मानी और संघर्ष करते रहे।

महाराणा प्रताप का कवच 72 किलोग्राम और भाला 81 किलोग्राम का था। उनका भाला, कवच, ढाल और तलवार का वजन कुल मिलाकर 208 किलोग्राम का था। महाराणा उदयसिंह की मृत्यु के बाद में मेवाड़ के सभी सरदारों ने एकत्रित होकर महाराणा प्रताप सिंह को राजगद्दी पर बैठा दिया।

राजस्थान के इतिहास में सन् 1582 में दिवेर छापली छापली का युद्ध एक महत्वपूर्ण युद्ध माना जाता है क्योंकि इस युद्ध में महाराणा प्रताप के खोए हुए राज्य पुनः प्राप्त हुए थे। तथा महाराणा प्रताप सिंह और मुगलों के बीच एक बहुत लंबा संघर्ष युद्ध के रूप में हुआ था।

महाराणा प्रताप का सबसे बड़ा शत्रु अकबर था। परंतु इन दोनों की लड़ाई कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं थी। जबकि यह लड़ाई उनके अपने सिद्धांतों और मूल्यों की थी। अकबर अपने राज्य का विस्तार करना चाहता था जबकि महाराणा प्रताप अपने मातृभूमि की स्वाधीनता के लिए संघर्ष  कर रहा था।


महाराणा प्रताप की मृत्यु पर अकबर बहुत दुखी हुआ था। क्योंकि वह मन से महाराणा प्रताप के गुणों की प्रशंसा करता था। और वह यह भी कहता था कि महाराणा प्रताप जैसा वीर इस धरती पर दूसरा नहीं है। महाराणा प्रताप की मृत्यु का समाचार सुनकर अकबर महान हो गया था। और उसकी आंखों में आंसू भर आए थे।

अकबर महाराणा प्रताप का सबसे बड़ा शत्रु था, पर उनकी यह लड़ाई कोई व्यक्तिगत द्वेष का परिणाम नहीं थी, बल्कि अपने सिद्धान्तों और मूल्यों की लड़ाई थी। एक वह था जो अपने क्रूर साम्राज्य का विस्तार करना चाहता था, जब की एक तरफ महाराणा प्रताप जी थे जो अपनी भारत मातृभूमि की स्वाधीनता के लिए संघर्ष कर रहे थे। महाराणा प्रताप की मृत्यु 19 जनवरी 1597 (उम्र 56) चावण्ड, मेवाड़ (वर्तमान में:चावंड, उदयपुर जिला, राजस्थान, भारत) में हुई जिस पर अकबर को बहुत दुःख हुआ क्योंकि ह्रदय से वो महाराणा प्रताप के गुणों का प्रशंसक था और अकबर जनता था की महाराणा प्रतात जैसा वीर कोई नहीं है इस धरती पर। यह समाचार सुन अकबर रहस्यमय तरीके से मौन हो गया और उसकी आँख में आँसू आ गए।

महाराणा प्रताप के स्वर्गावसान के समय अकबर लाहौर में था और वहीं उसे सूचना मिली कि महाराणा प्रताप की मृत्यु हो गई है।







Sunday, May 23, 2021

Important National and International Day in May ,राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय दिवस ,

                 मई महा के राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय  दिवस 

1st May                    अन्तराष्ट्रीय शार्मिक दिवस , महाराष्ट्र दिवस 

3rd May                    विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस

8th May                     विश्व प्रवासी पक्षी दिवस , विश्व रेड क्रॉस दिवस 

11th May                   राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 

 
12th May                   विश्व नर्स दिवस         



15th May                   विश्व परिवार दिवस 

17th May                   विश्व दूरसंचार दिवस

18th May                   विश्व संग्रहालय दिवस
 
21st May                    राष्ट्रीय आतंकवादी विरोधी दिवस

29th May                  अंतराष्ट्रीय माउन्ट एवेरेस्ट दिवस


31st May                   विश्व तम्बाकू रोधी दिवस

 19 मार्च , 2025  राम राम मेरे सभी दोस्तों को , आज इन्टरनेट का जमाना है बच्चा बच्चा जानता है इन्टनेट चलाना ऑनलाइन पेमेंट कैसे करते है ऑनलाइन...