मुग़ल साम्राज्य या मुग़ल वंश
मुग़ल वंश के साशक :-
- बाबर
- हुमायूँ
- अकबर
- जहांगीर
- ओरंगजेब
- भारत में मुग़ल साम्राज्य की नीव बाबर ने रखी थी।
- बाबर का पूरा नाम जहीरुद्दीन मुहमद बाबर था।
- बाबर का जन्म 14 फरवरी , 1483 ई. में फरगना (अफगानिस्तान ) में हुआ था।
- बाबर के पिता उमरशेख मिर्जा जो फरगना के शासक थे।
- माता - कुतलुग निग़ार ख़ानम
- बाबर के पिता की मृत्यु के पश्चात 12 वर्ष की आयु में वह फरगना का सुल्तान बना ।
- पानीपत की लड़ाई (1526 ईस्वी में ) - पानीपत की लड़ाई बाबर और दिल्ली के शासक इब्राहिम लोधी के बीच हुई। इस युद्ध में बाबर ने इब्राहिम लोधी को हरा दिया और भारत में मुग़ल साम्राज्य की नीव रखी।
- खानवा की लड़ाई (1527 ईस्वी में ) - खानवा की लड़ाई बाबर और मेवाड़ के राजा राणा सांघा के बीच हुई जिसमे बाबर ने राणा सांघा को खानवा में हरा दिया।
- चंदेरी का लड़ाई (1528 ईस्वी में ) - चंदेरी की लड़ाई बाबर और मेदनी राय के बीच हुई। इस युद्ध में भी बाबर विजय रहा।
- घागरा का युद्ध (1529 ईस्वी में ) - घाघरा का युद्ध बाबर और अफगानी जो बिहार और बंगाल में राज करते थे के बीच हुआ। बाबर ने अफगानी शासको को भी हरा दिया।
- बाबर ने अपनी आत्मकथा तुजक - ऐ - बाबरी तुर्की भाषा में लिखी।
- 26 दिसंबर ,1530 ईस्वी को बाबर मर गया और उसे पहले आगरा के आराम बाघ में दफनाया गया फिर उसे वहां से निकल कर काबुल में दफनाया गया।
- बाबर पहले मुग़ल शासक थे जिन्हे दो बार दफनाया गया था।
- बाबर का पुत्र हुमायु था जो बाबर की मृत्यु के पश्चात् दिल्ली की गद्दी पर बैठा।
- हुमायूँ मुग़ल साम्राज्य का दूसरा साशक था। हुमायूँ का पूरा नाम नसीरुद्दीन हुमायूँ था।
- उसका का जन्म 17 मार्च , 1508 को काबुल में हुआ।
- उसके के तीन भाई कामरान , हिन्दाल , अस्करी और एक सौतेली बहिन गुलबदन बेगम थी।
- उसके पिता का नाम बाबर था।
- हुमायूँ अफीम का नशा करता था।
- हुमायूँ 1530 में बाबर की मृत्यु के बाद गद्धी पर बैठा।
- उसने गद्दी पर बैठने के बाद सारा साम्राज्य अपने भाइयो में बाट दिया था।
- वह ज्योतिषी में बहुत विश्वास रखता था इसलिए वह सातों दिन सात रंग के कपडे पहनता था।
- हुमायूँ के आगरा जितने पर बाबर ने उसे कोहिनूर हीरा उसे सोप दिया।
- 1541 में हमीदा बनो बेगम के साथ हुमायूँ का विवाह हुआ।
- चौसा की लड़ाई (1539 )- चौसा की लड़ाई हुमायूँ और शेर सहा सूरी के बीच हुई जिसमे हुमायूँ पराजित हो गया था।
- कन्नौज की लड़ाई (1540 ) - कन्नौज की लड़ाई पुन: हुमायूँ और शेर शाह सूरी के बीच हुई जिसमे हुमायूँ फिर पराजित हो गया। इसे बिलग्राम की लड़ाई भी कहते है।
- 1555 में हुमायूँ ने शेर शाह सूरी के बेटे से युद्ध करके दुबारा मुग़ल साम्राज्य की नीव रखी।
- 1533 में हुमायूँ ने दिन- ए -पनाह बनवाया।
- उसका मकबरा दिल्ली में बनवाया गया था।
- उसने एक लाइब्रेरी सेरमण्डल (दिल्ली ) का निर्माण करवाया।
- हुमायूँनामा , हुमायूँ की बहिन गुलबदन बानो बेगम के द्वारा लिखी गयी थी। यह फारसी भाषा में लिखी गयी थी।
- बाबर की मृत्यु 1553 में शेरमंडल की सीढ़ियों से गिरकर हो गयी थी।
- इतिहासकार हुमायूँ के बारे में बताते है की वह लड़खड़ाते हुए पैदा हुआ और लड़खड़ाते हुए ही मर गए।
शेर शाह सूरी (1540 -45 ) : -
- शेर शाह सूरी का असली नाम फरीद खान था जिसका जन्म 1472 ईस्वी में रोहताश जिले के सासाराम में हुआ था।
- बचपन में फरीद ने एक शेर को मार दिया था इसी वजह से बहार खान नूहानी ने उसे शेर खान की उपाधि दी थी
- इनके पिता मियन हसन खान सुर थे।
- 1539 में चौसा की लड़ाई और 1540 ईस्वी में कन्नौज की लड़ाई शेर शाह और हुमायूँ के बीच हुई थी जिसमे शेर शाह सूरी ने हुमायूँ को पराजित कर दिया था।
- शेर शाह सूरी भारत में सबसे पहले (रुपया )चांदी के सिक्के चलाने वाला प्रथम शाशक था और अपने नाम के भी सिक्के भी चलाये।
- ग्रैंड ट्रंक रोड का निर्माण करवाया जो उस समय सड़क बाद्शाई के नाम से जानी जाता था और रोहताश किले का भी निर्माण करवाया था।
- 1545 ईस्वी में शेर शाह सूरी ने बुन्देलखं में कालिंजर के मजबूत किले को घेरा था। वहां बारूद के फटने से अचानक उनकी मृत्यु हो गयी।
- शेर शाह सूरी का मकबरा सासाराम (बिहार ) में शेर शाह सूरी के मकबरे के नाम से विख्यात है।
- उनके बाद उनका पुत्र जलाल खान (इस्लाम शाह सूरी ) गद्दी पर बैठा।
- अकबर का पूरा नाम जलाल उद्दीन मोहमद अकबर था।
- उसका जन्म 15 अक्टूबर , 1542 में हुआ था।
- बाबर के पिता हुमायूँ और माता हमीदा बानम बेगम साहिबा थी।
- अकबर के बचपन का नाम बदरूदीन था।
- अकबर अनपढ़ था।
- अकबर 15 वर्ष की उम्र में 1556 में गद्दी पर बैठा और बैरम खान को अपना अंगरक्षक बनाया।
- अकबर ने 1556 ईस्वी में पानीपत के द्वितीय युद्ध में हेमू को पराजित क़र दिया।
- 1562 ईस्वी में अकबर ने दास प्रथा को समाप्त किया।
- 1563 ईस्वी में तीर्थ कर को समाप्त किया।
- 1564 ईस्वी में अकबर ने जजिया कर समाप्त किया जिसे फिरोज शाह तुगलक ने सबसे पहले ब्राह्मणो पर लगाया था।
- 1572 ईस्वी में गुजरात पर विजय प्राप्त करने के बाद अकबर ने फतेपुर सिकरी (उतर प्रदेश ) नामक नगर की स्थापना की जिसमे प्रवेश के लिए बुलंद दरवाजा बनवाया।
- बुलंद दरवाजा विश्व का सबसे बड़ा दरवाजा है जिसकी ऊंचाई 54 मीटर है।
- अकबर ने रेवाड़ी में लाल मस्जिद का निर्माण करवाया।
- 1576 ईस्वी में हल्दी घाटी का युद्ध अकबर के सेनापति राजा मान सिंह और मेवाड़ के महाराणा प्रताप के बीच युद्ध हुआ। इस युद्ध में महाराणा प्रताप पराजित हो गए थे।
- अकबर ने 1582 में दिन - ए -इलाही नामक धर्म की स्थापना की।
- दिन - ए -इलाही धरम को स्वीकार करने वाला प्रथम और आखिरी हिन्दू बीरबल था।
- अकबरनामा और आईने अकबरी की रचना अबुल फजल ने की थी।
- अकबर ने महाभारत का फारसी भाषा में रज्जा नाम से अनुवाद किया।
- अकबर के दरबार में नौ बुद्धिमान , गुणकारी दरबारी रहते थे जिन्हे अकबर के नवरतन के नाम से जाना जाता था।
- अबुल फजल
- फैजी
- तानसेन
- बीरबल
- टोडरमल
- राजा मान सिंह
- अब्दुल रहीम खान ए खाना - बैरम खान का पुत्र
- फकीर अजियो दिन
- मुल्हा दो प्याजा
- 1605 ईस्वी में अकबर की मृत्यु हो गयी।
- अकबर के मकबरे का निर्माण जहांगीर ने करवाया। अकबर का मकबरा उतर प्रदेश में आगरा के सिकंदरा में है।
- जहांगीर का वास्तविक नाम सलीम था।
- जहाँगीर का पूरा नाम नूरुद्दीन मुहमद जहांगीर था।
- जहांगीर के पिता अकबर और मरयम उज जमानी उनकी माता थी।
- 24 अक्टूबर ,1605 में जहांगीर का आगरा में राजतिलक किया गया।
- जहांगीर के पहेली पत्नी मान बाई थी।
- खुसरो जहांगीर का बड़ा बेटा था।
- सिखों के पांचवे गुरु अर्जुन देव जी को खुसरो की मदद करने पर जहांगीर ने उनकी हत्या करदी थी।
- 1611 में जहांगीर ने नूरजहां के साथ विवाह किया जो एक शेर अफगान की विधवा थी।
- दो मुग़ल साशक बाबर और जहांगीर ने अपनी आत्मकथा लिखी थी।
- जहांगीर ने तुजक ए जहांगीरी नामक आतमकथा लिखी थी।
- इसी के कल में चित्रकला का विकास हुआ था।
- इसने आगरा में यमुना के किनारे न्याय की जंजीरे लगवाई।
- कश्मीर में शालीमार बाघ का निर्माण जहांगीर के समय में हुआ था।
- तुलसी दास ने रामचरित मानस की रचना अवधि भाषा में जहांगीर के ही काल में की थी।
- जहांगीर की शराब पीने के कारण 28 अक्टूबर , 1627 में कश्मीर से वापस आते समय भीमवार नामक स्थान पर निधन हो गया था।
- उन्हें लाहौर के सहादरा में रवि नदी के किनारे दफनाया गया था।
- जहांगीर के समय को चित्रकला का स्वर्णकाल कहा जाता है।
- शाहजहाँ का जन्म 5 जनवरी , 1592 को लाहौर में हुआ और साहजहाँ के बचपन का नाम खुर्रम था।
- शाहजहां के पिता जहांगीर थे
- शाहजहां के काल को स्थापत्य का सवर्ण काल कहां गया।
- शाहजहां का विवाह अरुजमन बनो बेगम के साथ 1612 ईस्वी में हुआ और इसे मुमताज महल भी कहा जाता है।
- मुमताज महल की मृत्यु 1629 ईस्वी में अपनी 14वी संतान को जन्म देते समय हो गयी थी।
- मुमताज की याद में शाहजहां ने मुमताज महल बनाया जिसे आज लोग ताजमहल के नाम से जानते है।
- ताजमहल का निर्माण 1632 ईस्वी में सुरु हुआ और 1653ईस्वी के आसपास मुमताज महल का काम पूरा हुआ था।
- ताजमहल का मुख्य वास्तुकार इस्ताद ईशा खान थे।
- ताजमहल के संगमरमर को शाहजहां ने राजस्थान के मकराना से मंगाया था।
- 1638 ईस्वी में शाहजहां ने आगरा से दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया।
- दिल्ली का नाम शाहजहांनाबाद रखा और दिल्ली में ही लाल किले का निर्माण शाहजहां ने करवाया था।
- दिल्ली के लाल किले का मुख्य वास्तुकार हामिद अहमद था।
- शाहजहां ने 1638 ईस्वी में दिल्ली में जमा मस्जिद का निर्माण करवाया।
- शाहजहां ने आगरा के किले में मोती मस्जिद का निर्माण करवाया।
- शाहजहां ने अपने लिए एक मयूर सिहांसन का निर्माण करवाया जिसके अंदर कोहिनूर हीरा लगा हुआ था।
- शाहजहां ने कोहिनूर हीरे को गोलकुंडा खान से मंगवाया था।
- शाहजहां की मृत्यु 1666 में हुई थी और शाहजहां को भी ताजमहल में दफनाया गया था।
- औरंगजेब का पूरा नाम अबुल मुज्जफर मुहिदीन मुहम्द औरंगजेब आलमगीर था।
- औरंगजेब का जन्म गुजरात के दाहोद में हुआ था।
- औरंगजेब शाहजहां और मुमताज महल के तीसरे नंबर के पुत्र थे।
- 1637 ईस्वी में औरंगजेब का विवाह दिलरास बानो बेगम के साथ हुआ
- दिलरास बानो बेगम को राबिया बीबी भी कहा गया है।
- औरंगाबाद (महाराष्ट्र ) की स्थापना औरंगजेब ने की थी।
- औरंगजेब ने बीबी का मकबरा भी बनवाया जो कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद में है और जिसे दक्षिण भारत का ताज महल कहते है।
- दिल्ली के लाल किले में मोती मस्जिद का निर्माण करवाया।
- औरंगजेब ने अपने आप को आलमगीर की उपाधि दी थी।
- औरंगजेब को जिन्दा पीर के नाम से भी जाना जाता था और साह ए दरवेश भी कहा गया।
- 1658 ईस्वी में औरंगजेब गद्दी पर बैठा।
- 1675 ईस्वी में गुरु तेग बहादुर (सिखो के नौवें गुरु ) को औरंगजेब ने इस्लाम धर्म कबूल न करने के कारण उनकी हत्या कर दी गयी।
- 1679 ईस्वी में औरंगजेब ने फिर से ब्राम्हणो पर जजिया कर लगा दिया जिसे सबसे पहले फिरोज साह तुगलक ने लगाया था और फिर अकबर ने उसे ख़तम कर दिया था।
- शिवाजी औरंगजेब के काल में बहुत प्रशिद्ध था।
- शिवाजी मराठो का मुखिया था और छापामार युद्ध में निपुण था।
- औरंगजेब ने शिवाजी को पहाड़ी चुआ कहा है।
- पुरन्दर की संधि -- औरंगजेब ने राजपूत जयसिंह को शिवाजी के पास भेजा। तब 1665 ईस्वी में शिवाजी और जयसिंह के बीच एक संधि हुई जिसे पुरन्दर की संधि कहते है।
- इसके बाद शिवाजी को धोके से कैद कर लिया गया और इसके चार दिन बाद शिवाजी एक टोकरी में छुपकर भाग गया।
- शिवाजी के मंत्रिपरिषद को अष्ट प्रधान कहा जाता है।
- पेशवा अष्ट प्रधानो में से वरिस्ट था।
- बालाजी विशवनाथ पहला पेशवा था।
- पेशवा बालाजी बाजीराव को नाना साहेब कहा गया है।
- सिखों ने गुरु तेग बहादुर की याद में दिल्ली में शीशगंज गुरुद्वारा बनवाया।
- 1707 ईस्वी में औरंगजेब की मृत्यु हुई।
- औरंगजेब का मकबरा दौलताबाद (कर्नाटका ) में है।
- बहादुर साह प्रथम का पूरा नाम कुतुबदीन मुहमद मुआजम था और इनका जन्म 1643 ईस्वी में हुआ था।
- बहादुर साह प्रथम औरंगजेव का दूसरा पुत्र और सातवा मुग़लबादशाह था।
- 1707 ईस्वी में गद्दी पर बैठा।
- इनको साहआलम प्रथम और आलम साह प्रथम के नाम से भी जाना जाता था।
- इनको साह -ए -बेखबर भी कहा जाता था।
- बहादुर साह ने साहू जी (शम्भा जी का लड़का ) को रिहा कर दिया था।
- 1712 ईस्वी में बहादुर सहा प्रथम की मृत्यु हो गयी।
- बहादुर साह का बड़ा पुत्र जहांदार साह का जन्म 1661 ईस्वी में हुआ।
- जहांदार साह को लम्पट मुर्ख उपाधि दी।
- जहांदार साह ने जयसिंह को सवाई मिर्जा राजा की उपाधि दी।
- राजा जयसिंह आमेर का राजा था जिसने जयपुर शहर को बसाया था।
- मारवाड़ के अजित सिंह को महाराजा की उपाधि दी।
- जजिया कर को भी समाप्त कर दिया था।
- उसके दरबार में लाल कुंवारी निर्तिका थी।
- सैयद बंधुओ की सहायता से फरुख्शिअर ने जहांदार साह को मर दिया।
- सैय्यद बंधुओ की सहायता से फरुख्शियर राजा बना।
- सैय्यद बंधुओ को नृप निर्माता कहा जाता था।
- फरुख्शियर को घृणित कायर की उपाधि दी गयी थी।
- 1717 ईस्वी में अंग्रेजो को दस्तक पास (अंग्रेजो को टैक्स फ्री व्यपार करने की आजादी ) दिया
- 1718 ईस्वी में मराठो के साथ दिल्ली की संधि की।
- 13 फरवरी ,1739 में करनाल की लड़ाई हुई जो नादिर शाह और मुहमद साह के बीच हुई थी। इस लड़ाई में नादिर शाह विजय रहा था।
- नादिर शाह ईरान से आया था और उसे ईरान का नेपोलियन भी कहते है।
- नादिर शाह ने दिल्ली लूट कर वहा से तकते -ए - हाउस , मयूर सिंहासन (कोहिनूर हीरा ) को ले गया।
- मयूर सिंघासन पर बैठने वालो आखरी मुग़ल मुहमद शाह रंगीला था।
- 1757 ईस्वी में प्लासी की लड़ाई हुई।
- प्लासी की लड़ाई सिराजुद्दोला और अंग्रेजो के बीच हुई जिसमे सिराजुद्दोला हार गया था और अंग्रेज जीत गए थे।
- मीर जाफर को कलाइव का गधा कहा जाता है।
- 1764 ईस्वी में बक्शर की लड़ाई मीर कासिम , सुजाउद्दौला (अवध का नवाब ) और अंग्रेजो के बीच हुई थी। इस लड़ाई में अंग्रेज जीत गए थे।
- 1765 ईस्वी में इलाहबाद की संधि हुई जो सहा आलम द्वितीय और रोबर्ट क्लाइव के बीच हुई थी।
- अकबर साह द्वितीय ने राजा राम मोहन राय को राजा की उपाधि दी थी।
- बहादुर साह जफ़र आखरी मुग़ल बादशाह और अंतिम मुग़ल सहनशा जिसने 1857 की क्रांति में भाग लिया था।
- एक मात्र मुग़ल बादशाह जिन्हे नेता चुना गया था।
- बहादुर साह जफ़र बहुत शायरी करता था।
- अंग्रेजो ने बहादुर साह को कैद करके रंगून भेज दिया।
- रंगून में 1862 ईस्वी में बहादुर शाह जफ़र की मृत्यु हो गयी थी।
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