Tuesday, May 22, 2018

इंग्लिश को आसान कैसे बनाये

हेलो दोस्तों , आपका एडवांस एजुकेशन हब(advance education hub) में स्वागत है।  आज का हमारा टॉपिक है इंग्लिश को आसान कैसे बनाये। दोस्तों मुझे पता है की आप भी ये जानने के लिए उत्साहित होंगे की इंग्लिश को आसान कैसे बनाये।  कैसे इंगलिश में इंट्रेस्ट बनाये। दोस्तों आप से प्रार्थना है कि इसे अंत तक जरूर पढ़े। 

दोस्तों क्या आपका भी इंग्लिश पढ़ने  का मन नहीं करता है? क्या आप भी इंग्लिश सिर्फ कक्षा में पास होने या नंबर लेने  के लिए पढ़ते  है?  क्या आपको भी जॉब एग्जाम में आने वाली वोकैबुलरी से डर लगता है? अगर इन सबका उत्तर हां है तो दोस्तों डरना छोड़ दीजिये। मेने इन समस्याओ को दूर करने के लिए एक  ट्रिक आपके लिए लेकर आया हु।  ट्रिक जानने से पहले दोस्तों हम उसके बारे में जान लेते है जिसके कारन ये समस्या उत्पन हुई है।  इसकी इम्पोर्टेंस क्या है। तो चलिए शुरू करते है।


अंग्रेजी भाषा  विश्व की अंतरास्ट्रीय भाषा  है।  बहुत से देशो में  अंग्रेजी भाषा को मातृभाषा माना  जाता है। उन देशो में लोग अंग्रेजी भाषा का प्रयोग आम बोलचाल में करते है।  आज के समय में अंग्रेजी भाषा का किसी  भी देश का विकास करने में बहुत बड़ा योगदान है।

 भारत में हिंदी राष्ट्रीय भाषा है और अंग्रेजी  भाषा  का प्रयोग केवल आधिकारिक उदेशय के लिए होता है।  फिर भी भारत में अधिकतर लोग अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करते है क्यों की हम जानते है की अंग्रेजी भाषा के बिना हमारा विकास नहीं हो सकता है।  यहां तक की हम इस भाषा के बिना जॉब भी नहीं क़र  सकते है।  सभी ऑफिशल्स काम अंग्रेजी भाषा में होने लगे है।  दूसरे देश में जॉब करने के लिए अंग्रेजी का आना बहुत जरुरी है हमारे देश में प्राइवेट कंपनियों में भी इसका अंतर् देखने को मिला है।  प्राइवेट कंपनियों में अंग्रेजी बोलने वालो का वेतन अधिक और हिंदी बोलने वालो को कम वेतन दिया जाता है।  


हमारे भारत में आज अंग्रेजी इतनी जरूरी हो गयी है की इसके बिना सरकारी नौकरी भी नहीं मिल सकती है सरकार  को ऐसा कैंडिडेट चाइये जिसको अंग्रेजी आती हो और केवल आती ही न हो बल्कि बारीकी से अंग्रेजी का ज्ञान हो।  उसको अच्छे से इंग्लिश ग्रामर आनी  चाइये।  उसकी रीडिंग स्किल्स , इंग्लिश स्पीकिंग अच्छी हो तभी कोई स्टूडेंट सरकारी ऑफिसर बन सकता है।

दोस्तों अब मै  अगर बात करू की हमारी कमी क्या है।हमारी सबसे बड़ी कमी  सब्जेक्ट के अंदर रूचि न होना और जब तक किसी काम को करने का मन ही नहीं करेगा तो हम उसमे अपना 100 % दे ही नहीं सकते है।
तो अब मै  आपको बताता हु की अंग्रेजी को आसान कैसे बनाये उसमे इंट्रेस्ट कैसे बनाये।


अंग्रेजी को आसान बनाने के लिए सबसे जरूरी है इसमें इंट्रेस्ट बनाना।  अगर इंट्रेस्ट बन गया तो फिर इंग्लिश सीखना कोई बड़ी बात नहीं है आप आसानी से किसी भी एग्जाम को क्रैक क़र सकते हो।  तो मै  आपको बताता हु इंग्लिश को इंट्रेस्टेड कैसे बनाये। हम सब जानते है की किसी भी समस्या का समाधान उसी समस्या में छुपा होता है तो हम इंग्लिश से ही स्टार्ट करते है।

इसके लिए हमे सबसे पहले आप इंग्लिश बुक खरीदनी होगी जिसमे इंग्लिश स्टोरी हो या फिर वो जिसमे आपको पढ़ने में इंट्रेस्ट आये या फिर आप कोई इंग्लिश अख़बार भी पढ़ सकते हो।  अगर  मै आपको suggest करू तो आपको पहले बुक से ही स्टार्ट करना चाइये क्युकी मुझे पता है हम दो दिन तो इंग्लिश न्यूस्पेपर लेकर आएंगे फिर सोचेंगे छोड़ न यार ऐसा कोनसा हमे आईएएस लगना  है। इसलिए मै  suggest करता हु की एक बार बुक खरीद ली तो खरीद ली बार बार पैसे भी नहीं लगाने पड़ेगे।  और आप यकीं नहीं मनो गे कि इस बुक से हमे कितनी नॉलेज होगी। एक बार इस को इम्प्लीमेंट करके तो देखो खुद पता लग जायेगा। तो हम khan थे..... हा...  इस बुक के 2 पेज ज्यादा नहीं है सिर्फ दो पेज रात को या जब भी आपका मन करे  पढ़ने  है इससे आपका टाइमपास भी होजायेगा और इंग्लिश इम्प्रूवमेंट भी होगी और जब आप उस बुक को पढ़ रहे है उस समय आपके पास एक पेंसिल , एक नोटबुक , एक डिक्शनरी होनी चाइये।

बुक को पढ़ते  वक्त आपको पेंसिल के साथ जो मुश्किल शब्द दिखाई दे मतलब जिसका आपको मीनिंग ना पता हो उसको अंडरलाइन करना है।  पहले आपको जितने पेज पढ़ने है उनको पढ़कर मुश्किल शब्दों को अंडरलाइन करना है और फिर नोटबुक में नोट करके डिक्शनरी से उनका अर्थ देखकर लिखना है।  फिर दुबारा उन्ही पेजो को शब्दों के अर्थ के साथ दुबारा पढ़ना है।  इस तरह आपको  ग्राम्मर के सभी रूल भी देखने को मिलेंगे।  ये ट्रिक आपकी एग्जाम में एरर , fill in the blanks सब कुछ करने में हेल्प करेगी।

इसका फायदा एक ओर भी होगा  मानलो आपको  पहले दो पेजो  से 10 शब्द मिले अगले दिन फिर 10 इसी तरह महीने मे  आपके पास 300 शब्द हो जाये गे।  इससे आपकी vocabulary  बढ़ेगी।

दोस्तों मुझे लगता है ये सब आपको थोड़ा अजीब सा लग रहा होगा लेकिन दोस्तों जब आप इसे एक बार daily rutein मे  implement करते है  तो आपको बहुत फायदा होगा।


दोस्तों अगर टिप्स अच्छी लगी या नहीं लगी या कोई कमी थी तो दोस्तों कमेंट करके जरूर बताये।
और जिसको implementation के बाद अगर थोड़ा बहुत भी changes दिखाई दे तो मुझे जरूर बताये क्युकी मुझे बहुत ख़ुशी होगी।



आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद
कुलबीर सिंह 






Saturday, May 19, 2018

भारतीय संविधान के विदेशी स्त्रोत ,जानिए किस देश से हमारे मौलिक अधिकार लिए गए है

दोस्तों हम सब जानते है की भारत का सविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित  सविधान है।  हमारे सविधान को बनाने के लिए दुसरो देशो के सविधान से सहायता ली गयी थी।  सबसे ज्यादा सहायता अमेरिका के सविधान से ली गयी थी। अमेरिका के साथ -साथ ओर  भी बहुत सारे  देश है जिनकी सहयता से भारत का सविधान बना था। जैसे - ब्रिटेन , ओस्ट्रिलिया , जर्मनी, आइरलैंड , कनाडा , दक्षिण अफ्रीका , रूस और जापान । इन सब देशो से भारत ने कुछ न कुछ जरूर लिया है  उनको नीचे हम बारी -बारी  से पढ़ेंगे ।

सयुंक्त राज्य अमेरिका -  
    (a ) मौलिक अधिकार 
   (b ) निर्वाचित राष्ट्रपति  एवं उस पर महाभियोग
   (c ) उपराष्ट्रपति
   (d ) न्यायिक पुनरावलोकन
   (e ) वित्तीय आपात
   (f ) उच्चतम न्यायालय एवं उच्च नयालयो के                       न्यायधिशो को हटाने की विधि

   ब्रिटेन        -   
   (a ) संसदात्मक शासन प्रणाली 
   (b ) एकल नागरिता एवं विधि निर्माण  प्रक़िया 
   (c ) मंत्रिमंडल प्रणाली 

आयरलैंड      -  
   (a ) नीति निर्देशक सिद्धांत 
   (b ) राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल के  व्यवस्था 
   (c ) राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के  लिए 12 सदस्यो 
          को मनोनयन 


ऑस्ट्रेलिया         -  
  (a ) संसदीय  विशेषिधिकार 
  (b ) समवर्ती सूचि का प्रावधान 
  (c ) केंद्र तथा राज्य के बीच सबंध व् शक्तियो का  विभाजन 
  (d ) प्रस्तावना की भाषा 
  (e ) संसद के दोनों सदनों की सयुंक्त बैठक 


जर्मनी                       -           
 (a ) आपातकाल के परवर्तन के दौरान राष्ट्रपति को  मौलिक अधिकार  सबंधी शक्तियाँ 

कनाडा                      -         
  (a )   राजयपाल की नियुक्ति विषयक प्रक़िया
  (b )  संघ एवं राज्य के बीच शक्ति  विभाजन 
   (c )  अवशिष्ट शकितया केंद्र के पास 
  (d ) संघात्मक विशेषताये 


 दक्षिण अफ्रीका         -           
            (a ) सविधान संसोधन की प्रक़िया का प्रावधान 

 रूस  -    (a )  मौलिक कर्तव्यों  का प्रावधान 

जापान  -(a )  विधि द्वारा स्थापित प्रक़िया





Friday, May 18, 2018

CAG (Comptroller and Auditor general of india )भारत का वर्तमान नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कौन है

 नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक-     भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक(comptroller and auditor general of india)  भारत सरकार और राज्य सरकार  के आय  तथा व्यय का लेखा परिक्षण करता है अर्ताथ  भारत सरकार  और राज्य सरकार  द्वारा किये गए  आय और  व्यय विधि या कानून के अनुसार हुए है या नहीं इन सब का परिक्षण महालेखा परीक्षक करता है। कैग  सरकार  द्वारा सरकारी खजानो में से किये गए व्यय का लाभ जिनको मिलना चाइये उनको मिला है या नहीं इसकी पुष्टि करता है मतलब छानबीन करता है।   


सीएजी भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा का प्रमुख होता है। सीएजी को राष्ट्रीय वित का संरक्षक भी कहा जाता है। वह सरकारी कंपनियों का भी लेखा- जोखा रखता है


भारत के सविधान में अनुछेद - 148 से 151 भाग -7 (बी) में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की शक्तियों व् कार्यो का वर्णन मिलता है।


मुख्यालय - सीएजी का मुख्यालय दीन दयाल उपाधयाय मार्ग, नई दिल्ली में है।


नियुक्ति - कैग की नियुक्ति राष्ट्रीपति करता है और राष्ट्रपति को ही त्यागपत्र देता है। कैग को केवल उच्चतम न्यायालय के न्यायधीश की तरह ही महाभियोग द्वारा ही हटाया जा सकता है। राष्ट्रपति कैग को सपथ दिलाता है।

कार्यकाल - कैग का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होता है।


वेतन - 90000/महीना



भारत का प्रथम नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक -




वी. नरहरि राव (1948 -1954 )










भारत का 13th नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक -








राजीव महृषि (25 सितम्बर ,2017 से .......

ये हमारे तेरहवे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक है।





महालेखा परीक्षक के मुख्य  तथ्य 

  1. डॉ. बी. आर. अंबेडकर के अनुसार , कैग  भारत सरकार का चौथा स्तमभ  है। (a) पहला स्तमभ उच्त्तम न्यायालय (बी )दूसरा स्तमभ- लोक सेवा आयोग  और (सी ) तीसरा स्तमभ- चुनाव आयोग। 
  2. कैग  सेवानिवृति के पश्चात भारत सरकार  के अधीन कोई भी पद धारण नहीं कर  सकता है।  




Thursday, May 17, 2018

जानिए भारत का प्रथम महान्यायवादी कौन था

                         

   महान्यायवादी कौन  होता है 


  महान्यायवादी को AGI (Attorney General of India) भी कहते है।  महान्यायवादी भारत सरकार  का क़ानूनी सलाहकार होता है।  यह भारत सरकार  का कानून का सबसे बड़ा अधिकारी होता है। उन्हें सविधान के अनुछेद - 76 (1 )  के अनुसार राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। इस पद पर उस व्यक्ति को नियुक्त किया जाता है जो सर्वोच्च न्यायालय का न्यायधीश बनने की योग्यता रखता हो।  महान्यायवादी को सहायता देने के लिए एक सोलिस्टर जनरल और दो अतिरिक्त सोलिस्टर जनरल नियुक्त किये जाते है। 


                                    कार्यकाल 

     इनका  कार्यकाल  राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत  होता है अर्ताथ राष्ट्रपति पर निर्भर करता है। सविधान में भी इनके कार्यकाल के बारे में उल्लेख नहीं है।  


                                त्यागपत्र 
         ये अपना  त्यागपत्र  राष्ट्रपति को देता है
                                             
               महान्यायवादी के कार्य और मर्यादाये 


  1.  महान्यायवादी किसी भी सदन का सदस्य नहीं होता है।  परन्तु वह किसी भी सदन में अथवा उनकी समितियों में भाग ले सकता है।  ( अनु. -88 )
  2.  इनको मत देने का अधिकार नहीं होता है।  
  3.  राष्ट्रपति द्वारा भेजे गए क़ानूनी मामलो में भारत   सरकार  को सलाह देना।  
  4.  भारत के किसी भी राज्य  के नयालयो में भाग ले   सकता है। 
  5.  रीटायर्मेंट के बाद वो किसी भी हाई कोर्ट में वकील   के रूप में कार्य नहीं क़र  सकते है।  

भारत  का प्रथम महान्यायवादी 





एम. सी. शीतलवाड़ 
कार्यकाल - 1950 से 1963 तक 
जन्म - 12 नवम्बर , 1884 (अहमदाबाद ) में 
एम. सी. शीतलवाड़  भारत के सबसे पहले और सबसे लम्बे समय तक सेवा करने वाले महान्यायवादी थे।  



भारत का वर्तमान महान्यायवादी


के. के. वेणुगोपाल 
पूरा नाम - कोट्ट्यान कंटकोत वेणुगोपाल 
कार्यकाल - 30 जून , 2017 से अब तक 
नोट - राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा नियुक्त किये गए है।  










Tuesday, May 15, 2018

UPSC (Union public service commission )


UNION PUBLIC SERVICE COMMISSION


UPSC -
          UPSC का पूरा नाम संघ लोक सेवा आयोग है।  यह भारत सरकार  के लोकसेवा के पदाधिकारियों की  नियुक्ति के लिए परीक्षाएं करवाती है।  IAS , IFS जैसे बड़े-बड़े पदाधिकारियों का सिलेक्शन इसी आयोग के द्वारा होता  है।  
मुख्यालय   - संघ लोक सेवा आयोग का मुख्यालय धौलपुर हाउस शाहजहाँ  रोड , नई दिल्ली में है।


स्थापना -  
संघ लोक सेवा आयोग की स्थापना  1 अक्टूबर , 1926  में हुई थी ।  सविधान के अनुछेद - 315 से 323 में संघ लोक सेवा आयोग और राज्यों के लिए राज्य लोक सेवा आयोग के गठन का प्रावधान किया गया है। 

सद्श्य -  UPSC के वर्तमान  सदस्यों की संख्या 10 है और इनकी संख्या निर्धारित करने की शक्ति राष्ट्रपति के पास होती है।  
नियुक्ति - UPSC के अध्यक्ष और सदश्यो की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।  
कार्यकाल - आयोग के सदश्यो का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु  तक होता है 
त्यागपत्र -  ये अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को कभी भी दे सकते है परन्तु राष्ट्रपति भी इन्हे पद  की     अवमानना  करने पर पद से बर्खास्त क़र सकता है।  

संघ लोक सेवा आयोग का प्रथम अध्यक्ष -

   सर रोस बार्कर
 (अक्टूबर ,1926 से अगस्त ,1932 तक )       
                                                                                



संघ लोक सेवा आयोग के वर्तमान अध्यक्ष - प्रो. डी आर सिमलिह 
(4 जनवरी , 2017 से अब तक -
 प्रो. डेविड आर. सिमलिह     इनका जन्म  22 जनवरी , 1953 को हुआ था।  इनका निवासस्थान शिलॉन्ग (मेघालय ) है।  
                                                         

                                                             

Monday, May 14, 2018

मतदान में उपयोग होने वाली स्याही

दोस्तों हम सब जानते है कि  भारत विश्व का सबसे  बड़ा लोकतन्त्र देश है।  लोकतंत्र का मतलब  लोगो का तंत्र । इसमें लोग अपना नेता स्वयं चुनते है। यहां पर  हर पांच वर्ष बाद  चुनाव आयोग द्वारा चुनाव करवाए जाते है।  चुनावो में कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए चुनाव आयोग बहुत से पुख्ता इंतजाम करता है।
मतदाता को अपने मत का गलत ढंग से इस्तेमाल को रोकने के लिए  चुनाव आयोग ने मतदाता की ऊँगली पर वोटिंग स्याही का प्रयोग करना शुरु किया।
वोटिंग स्याही में एक प्रकार का रसायन (सिल्वर नाइट्रेट) का प्रयोग किया जाता है । सिल्वर नाइट्रेट ऐसा रसायन है जो त्वचा के साथ चिपक जाता है और  इस रसायन को गर्म पानी , नाख़ून पालिश रीमूवर और साबुन के साथ भी नहीं धोया जा सकता है।


स्याही का उत्पादन मैसूर पेंट्स और वार्निश लिमिटेड एक कंपनी है जो भारत के मैसूर(कर्नाटका) शहर में स्थित है। भारत में यह एकमात्र कंपनी है जो वोटिंग स्याही का उत्पादन करने के लिए अधिकृत है।


Sunday, May 13, 2018

जानिये भारत के प्रथम मुख्य आयुक्त कौन थे ?

चुनाव आयोग पर पूछे जाने वाले मत्वपूर्ण प्रश्न  


प्रश्न-1  निर्वाचन आयोग का गठन कब हुआ ?
उत्तर - 25 जनवरी,1950 

प्रश्न -2  निर्वाचन आयोग का गठन कौन  करता है ?

उत्तर - राष्ट्रपति। 

प्रश्न -3  निर्वाचन आयोग का गठन किस अनुछेद के अंतर्गत आता है ?
उत्तर -  अनुच्छेद - 324 (भाग -15 )

प्रश्न -4  भारत की निर्वाचन  पदत्ती किस देश से ली गई है ?

उत्तर - बिर्टेन  से। 

प्रश्न -5 निर्वाचन आयोग का चेयरमैन कौन  होता है ?
उत्तर - मुख्य  चुनाव आयुक्त। 

प्रश्न -6  भारत के प्रथम मुख्य आयुक्त कौन  थे ?

उत्तर - सुकुमार सेन (1990-में साहित्य और शिक्षा के 

क्षेत्र में पदम् भुसन से सम्मानित )

प्रश्न -7  भारत के वर्तमान मुख्य  चुनाव आयुक्त  

कौन  है ?

उत्तर - Mr. सुनील अरोड़ा  (2 दिसंबर , 2018 

से अक्टूबर ,  2021 )

प्रश्न -8  भारत में पहली बार महिलाओ को 

मताधिकार कब प्राप्त हुआ 

 उत्तर - 1989 में।
प्रश्न -9 चुनावो में चुनाव प्रचार कितने घंटे पहले बंद 

होता है ?

उत्तर - चुनाव के 48 घंटे पहले। 

प्रश्न -10 चुनाव आयुक्त को उसके पद से किस

प्रकार  हटाया जा सकता है ?

उत्तर - महाभियोग द्वारा।  

 19 मार्च , 2025  राम राम मेरे सभी दोस्तों को , आज इन्टरनेट का जमाना है बच्चा बच्चा जानता है इन्टनेट चलाना ऑनलाइन पेमेंट कैसे करते है ऑनलाइन...